बॉलीवुड हमेशा से अलग फिल्मों को बनाने के लिए जाना जाता है। यहाँ पर हर एक प्रकार की फ़िल्म बनाई जाती है। जिसमे कॉमेडी, एक्शन, रोमांस, मोटिवेशनल, इमोशनल,बायोपिक सब प्रकार की फिल्म है। हर एक टॉपिक को बॉलीवुड ने छुआ। और बहुत सारी बेहतरीन मास्टरपीस फ़िल्में बनाई हैं। तो आज हम बात करते हैं तिन ऐसी फिल्मों के बारे में। जो हर एक स्टूडेंट को देखनी चाहिए। स्टूडेंट्स के लिए ये फ़िल्मे एक ब्लेसिंग की तरह है। अगर आप इन तिनो फिल्मों को देखते हो, तो आप अपनी लाइफ में कुछ अच्छा करने के लिए जागृत हो जाओगे। और आपको सोचने का एक नया नजरिया मिलेंगा। एक अच्छी लाइफ कैसे जिए, ये भी इन फिल्मों में दिखाया गया है। अगर आप इन फिल्मों को देखते हो, तो फुल चान्सेस है की आपकी लाइफ बेहतरीन बन जाएगी। तो आइए इन फिल्मों के बारे में बात करते।
1.थ्री इडियट:-
इस फ़िल्म में आमिर खान, शरमन जोशी, आर माधवन और करीना कपूर है। इस फिल्म को हिन्दुस्तान के नंबर वन डायरेक्टर राजकुमार हिरानी ने डायरेक्ट किया है। और ये फ़िल्म हर एक हिंदुस्तानी के लिए एक ब्लेसिंग है। और स्टूडेंट्स के लिए इससे बेहतरीन और कोई फ़िल्म नहीं हो सकती। फ़िल्म तीन दोस्तों की कहानी है। जिसमें आमिर खान का नाम रैंचो है। शर्मन जोशी का नाम राजू रस्तोगी है। और आर माधवन का नाम फरहान कुरैशी है। ये तीनों कॉलेज में मिलते हैं। जहाँ पर सब लोग ज्यादा नंबर लाने की रेस में भाग रहे। सबको नंबर वन आना है। अब क्यों आना है ये किसी को नहीं पता। यहाँ पर सीखने से ज्यादा लोग रटने पर ध्यान देते है। राजू गरीब परिवार से होता है। और उस पर अपनी फैमिली की जिम्मेदारी होती है। राजू को अपने पिता का इलाज और अपनी बहन की शादी करानी होती है। और उस पर जॉब पाने का बहुत ज्यादा प्रेशर भी होता है।
फरहान कुरैशी एक मिडल क्लास का है। जिसको फोटोग्राफर बनना होता है। लेकिन उनके पिता चाहते हैं कि वह एक इंजीनियर बनें। इसलिए वो इंजीनियरिंग करता है। इस कॉलेज में किसी का भी लाइफ को लेकर कोई भी उद्देश्य नहीं है। लाइफ में सब को नम्बर वन आने की रेस में दौड़ना है। बोमन इरानी इस कॉलेज का प्रिंसिपल होता है। जिसका मानना है की लाइफ एक रेस है। जिसमें सबको नंबर वन आने के लिए भागना है। लेकिन फिर इन सबके बीच रैंचो आता है। जो इन सबसे अलग है। जिसका मानना है कि सक्सेस के पीछे नहीं बल्कि काबिलियत के पीछे भागो। सक्सेस खुद झख मारकर आपके पीछे आएगी। रैंचो के माध्यम से इस फ़िल्म में बहुत सारे मैसेज दिए गए। ये एक बेहतरीन फ़िल्म है। तो एक बार तो आपको इस फ़िल्म को जरूर देखना चाहिए।
2.चिछोरे:-
इस फ़िल्म में सुशांत सिंह राजपूत और श्रद्धा कपूर हैं। फिल्म को नितेश तिवारी ने डायरेक्ट किया है।। सुशांत सिंह का इस फ़िल्म मे अन्नी नाम हैं। और श्रद्धा कपूर का इस फ़िल्म मे माया नाम है। फ़िल्म की शुरुआत में दिखाया जाता है की अन्नी और माया का डिवोर्स हो जाता है। और उनका एक राघव नाम का लड़का है। राघव को इंजीनियर बनना होता है। और वह आईआईटी में प्रवेश परीक्षा के रिज़ल्ट का इंतजार करता है। और राघव इस एग्जाम में फेल हो जाता है। इसलिए वह अपने अपार्टमेंट की बालकनी से छलांग लगा देता है। इसमें राघव की डेथ नहीं होती, वह बच जाता है। लेकिन वह बहुत लंबे टाइम तक हॉस्पिटल के बेड पर रहता हैं। और इसके लिए माया अन्नी को दोषी ठहराती है। और कहती है कि तुम्हारी वजह से राघव ने सुसाइड करने की कोशिश की है। और इसी बीच डॉक्टर उनको बताते हैं कि राघव की स्थिति बहुत ज्यादा खराब हो रही है क्योंकि वो खुद ही जीना नहीं चाहता है। इसलिए अन्नी अपने बेटे को एक नई उम्मीद देने के लिए अपने कॉलेज के सभी दोस्तों को उनसे मिलने बुलाता है। जहाँ पर वो अपनी पुरानी कॉलेज की कहानी सुनाते हैं। और बताते है कि कॉलेज में वो और उनके दोस्त बहुत बड़े लूजर्स थे। और वो कॉलेज में लूजर्स के नाम से मशहूर थे। और इस कहानी के माध्यम से अन्नी राघव को बताने की कोशिश करते हैं कि लाइफ में सबसे बड़ी चीज़ खुद जिंदगी है। इसलिए इसे अच्छे से जीना चाहिए।
3.तारे ज़मीन पर:-
ये पूरी फ़िल्म एक ईशान अवस्थी नाम के लड़के पर है। इस फ़िल्म में आमिर खान का कैमियो है। और आमिर खान ने ही इस फ़िल्म को डायरेक्ट किया है। तो ईशान अवस्थी एक आठ वर्ष का लड़का है। जो स्कूल से बहुत ज्यादा नफरत करता हैं। क्योंकि उसे हर सब्जेक्ट बहुत ज्यादा मुश्किल लगता है। और किताबें उसे बिल्कुल भी पसंद नहीं है। और वो हर एक परीक्षा में फेल हो जाता है उसे बार-बार अपमानित किया जाता है। इसलिए वो अपने अंदर की दुनिया मे आश्चर्य से भर जाता है। उसे किसी की मदद की आवश्यकता होती है। लेकिन उसे बहुत ज्यादा बुली और प्रताड़ित किया जाता है। उनके पिता चाहते हैं कि वो अपनी लाइफ में अच्छा करें। फिर ईशान के स्कूल में एक टीचर आता है। और वो टीचर आमिर खान होता है। आमिर खान नोटिस करता है कि पूरी क्लास में ईशान सबसे अलग है। और ईशान क्लास में बहुत ज्यादा दुखी रहता था। और फिर आमिर खान ईशान से बातचीत करता हैं। उसके बारे में जानने की कोशिश करता है। तो आमिर खान को पता चलता है कि उनकी असफलता का कारण Dyslexia है। इसीलिए आमिर खान उनके माता पिता से भी मिलता है और बताता है कि ईशान एक बहुत ही उज्ज्वल बचा है। और वो बाकी बच्चों से थोड़ा अलग है। लेकिन कोई कमजोर बच्चा नहीं है। और आपको उसे सपोर्ट करना चाहिए। तो आमिर खान ईशान की लाइफ में एक बहुत बड़ा पॉज़िटिव इम्पैक्ट डालता हैं। जिससे उनकी पूरी लाइफ बदल जाती है। तो इस फ़िल्म का मैसेज बहुत ही ज्यादा खतरनाक है। और ईशान अवस्थी की तरह बहुत सारे बच्चे है। जिनको किसी की मदद की जरूरत है। तो इस फ़िल्म ने हमारी सोसाइटी पर एक बहुत बड़ा पॉज़िटिव इंपेक्ट डाला है। और लोगों के सोचने के तरीके को चेंज किया है।
तो आप सबको ये तिनो फ़िल्में एक बार तो अपनी लाइफ में जरूर देखनी चाहिए। अगर आप स्टूडेंट नहीं है, फिर भी आप इन तीनो फिल्मों को देख सकते हो। क्योंकि यह तीनो फ़िल्में आपकी लाइफ में बहुत ही पॉज़िटिव इम्पैक्ट डालेंगी। आपके सोचने के नजरिये को चेंज कर देंगी। लाइफ के बारे में आपका नजरिया पूरा चेंज हो जाएगा। और आपको एक अच्छी लाइफ जिने का मेसेज़ देगी।